सूर्यनमस्कार योग में काफी प्रसिद्ध साधना रही है। कई आसनों के पैकेज के साथ डाइनेमिक यौगिक मूवमेंट की वजह से सूर्य नमस्कार हर साधकों का प्यारा रहा है। समय समय के साथ सूर्य नमस्कार के कई तरीके विकसित हुए। हर तरीके में एक बात जो समान थी वो चलित ध्यान की अवधारणा, जिसमें एक आसन से दूसरे आसन में जाने के वक्त सांसों की प्रक्रिया का खास ध्यान रखा जाता है। हठयोग की परंपरा में 12 संख्या क्रम वाला सूर्यनमस्कार काफी प्रसिद्ध और पुराना रहा। आधुनिक वक्त आते-आते हिमालयन जैसे ठंडे प्रदेश में योगियों के जरिए अभ्यास की जाने वाले सूर्यनमस्कार का चलन बढ़ा। इस सूर्यनमस्कार को पश्चिमी देशों में अष्टांग योग सूर्य नमस्कार के नाम से खासा जाना जाता है। कही-कही इसे पॉवर योग सूर्यनमस्कार कहा जाता है। पारंपरिक सूर्यनमस्कार के 12 स्टेप की जगह इस सूर्यनमस्कार में 17 स्टेप है और तुलनात्मक रुप में ज्यादा चैलेंजिंग अभ्यास है। शुरुआती साधकों को पहले हठयोग सूर्यनमस्कार का अभ्यास करना चाहिए तभी वो अष्टांग विन्यास योग के इस पॉवरफूल सूर्यनमस्कार का अभ्यास करें। वशिष्ठ योगाश्रम के योगगुरु धीरज बता रहें हैं स्टेप दर स्टेप अष्टांग योग सूर्यनमस्कार को
Related Stories
-
-
12
Dec '2020
By :
vyfhealth
-
05
Dec '2020
By :
vyfhealth
-
30
Nov '2020
By :
vyfhealth
-
22
Nov '2020
By :
vyfhealth
-
06
Nov '2020
By :
vyfhealth
-
06
Nov '2020
By :
vyfhealth
-
23
Oct '2020
By :
vyfhealth
-
12 Dec '2020 By : vyfhealth
-
05 Dec '2020 By : vyfhealth
-
30 Nov '2020 By : vyfhealth
-
22 Nov '2020 By : vyfhealth
-
06 Nov '2020 By : vyfhealth
-
06 Nov '2020 By : vyfhealth
-
23 Oct '2020 By : vyfhealth
Write a comment: