
योग प्राणायाम में चाहे अनुलोम विलोम या नाड़ी शोधन प्राणायाम हो, उद्गीथ-ऊंकार प्राणायाम, वशिष्ठ प्राणायाम, परशुराम प्राणायाम हो या भ्रामरी – सभी में सांस लेने की तुलना में छोड़ने की अवधि को लेकर ज्यादा फोकस है। Inhale की तुलना में Exhale बढ़ाने से हमारी चंद्रनाड़ी एक्टिव हो हमें कई बीमारी खासकर IBS, पेट-आंत रोग, एसिडिटी, कब्ज, ह्दय रोग Heart Disease High Blood Pressure इत्यादि जैसी बीमारियों से दूर रखता है। वशिष्ठ योगाश्रम के योगगुरु धीरज इन पंच प्राणायाम का खोल रहें हैं वैज्ञानिक व आध्यात्मिक रहस्य जो तन-मन को सदा रखेगा फिट।
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